Adavari Matalaku Ardhalu Verule ia 2007nTelugu comedy drama starring Venkatesh and Trisha,Sriram ,KotaSrinivas,K Viswanath,Swati and Sunil.Aadavari Matalaku Arthale Verule सेल्वराघवन द्वारा लिखी और direct की गई है। फिल्म में Duggubati Venkatesh और Trisha Krishnan के अहम भूमिकाएं हैं, जबकि स्रीराम और कोटा श्रीनिवास राव supporting रोल्स में हैं। संगीत युवन शंकर राजा द्वारा बनाई गई है। फिल्म के title को Missamma (1955) movie में से एक गाने पर based है, जो इस फिल्म में एक sequence के लिए लिया गया है।
Summary
Ganesh an enemployed man gets attracted to a girl named Keerthi who works for a software company,this motivates him to get a job in the same company.He eventually proposes her.But keerthi is already engaged to someone else and refuses the proposal.A sudden tragedy happens and their both lived comes into a tricky situation.
गणेश एक middleclass family से है।उसकी उमर लगभग 40 साल है लेकिन वह अभी तक बेरोजगार है। उसने engineering pass की है पर उसकी spoken english कुछ खास ठीक नहीं है जिसके वजह से उसे अब तक नौकरी नहीं मिली है।गणेश के दो सबसे अच्छे दोस्त वासु और सीनू हैं,दोनो जॉन करते हैं लेकिन वह नौकरी पाने में संघर्ष कर रहा है । उनके पिता शिक्षक हैं और अपके पिता से उस की खास बनती नहीं है।
Story
lगणेश का रोज का काम यही है वह सुबह निकलता है job ढूंढने के लिए और शाम को लौट आता है हार कर क्योंकि कहीं जॉब नहीं मिलती एक दिन इसी कारण बहुत दुखी होता है और शराब पीकर आता है अगले दिन सुबह गणेश पितासे ₹100 मांगता है एप्लीकेशन फॉर्म के लिए लेकिन उसके पिता यह कहते हुए मना कर देते हैं कि उनके पास पैसे नहीं है उन दोनों के बीच में कहासुनी होती है और आखिर में उसके पिता उसे ₹100 दे देते हैं गणेश बड़े दुखी मन से एप्लीकेशन फॉर्म खरीद कर जा रहा होता है तभी उस पर गाड़ी के द्वारा कीचड़ गिर जाता है और उसके सारे कपड़े और एप्लीकेशन फॉर्म खराब हो जाता है फिर बारिश शुरू हो जाती हैं उसके कपड़े साफ हो जाते हैं और फिर सामने से फिर एक गाड़ी आते हुए देखता है जिसमें एक लड़की बैठी हुई होती है जो ड्राइवर को बोल रही है होती है धीरे से चलाओ जैसे उसको देखता है उसे एक ही नजर में प्यार हो जाता है उसका पीछा करता है तो पीछा करते हुए उसे पता चलता है वह एक software company में काम करती है।
अगले दिन जब वह newspaper पड़ता है तो उसे मालूम पड़ता है कि उसी कंपनी में 1 vacancy है software engineer की जिसके लिए तैयारी करके अगले दिन सुबह उसी कंपनी में जाता है । वहां जाकर उसे मालूम पड़ता है कि उस लड़की का नाम कीर्ति है और वह project manager है । सबसे पहले रिटन टेस्ट होता है जिसमें सभी लोग रिटर्न लिख रहे होते हैं लेकिन गणेश कुछ नहीं लिखता बहुत कंफ्यूज सा लगता है तो की थी उसके पास आती है और पूछती है कि क्या हुआ तो गणेश बोलता है कि पढ़कर तो मैं सब आया था लेकिन यहां के सब भूल गए कि जिस को समझाते हुए कहती है कि शांति से सोचोगे तो आराम से तुम्हें सॉल्यूशन मिल जाएगा टेंशन लेने की जरूरत नहीं है फिर तो आंख बंद करके शांति से सोचता है उसको याद आने लगता है लिख देता है और टेस्ट पास कर लेता है और अपने पिता को जो कि स्कूल टीचर है उनको कॉल करके बताता है कि उसने टेस्ट पास कर लिया तो पिता के सभी कलीग बोलते हैं कि कोई बात नहीं होता हमेशा ऐसा होता है वह फिर आगे वाले टेस्ट में फेल हो जाएगा अगला टेस्ट होता है ग्रुप डिस्कशन सभी लोग ग्रुप डिस्कशन कर रहे होते इंडियन इकॉनमी के ऊपर गणेश सिर्फ यस यस यस एस करके बोलता है आउट नोटिस करने के बाद कीर्ति को लगता है की गणेश कुछ भी नहीं बोल रहा है तब खींची गणेश चतुर्थी है हां बोलिए फिर गणेश जी की हत्या करके बोलता है कि तू बोलती है कि एसएस के अलावा भी कुछ बोलो गणेश रखते हुए बोलता है कि मुझे इंग्लिश अच्छे से नहीं आती तो किसी की आती है इंग्लिश नहीं आती तो क्या होता है बोलने में शर्म आती है क्या गणेश इंडियन इकोनामी के बारे में जो अपने भाव व्यक्त करता है उसे कीर्ति बड़े प्रश्न जाती है और आखिरकार ग्रुप डिस्कशन में भी गणेश का सिलेक्शन हो जाता है उस अर्पिता को कॉल करके बताता है कि उसका रिप्लिकेशन भी सिलेक्शन हो गया सभी लोग स्कूल में सभी टीचर ताली बजाते हैं उसके पिता कहता है उसने बताने के लिए फोन नहीं किया है उससे डर लग रहा है और कुछ सपोर्ट चाहिए इसलिए उसने कॉल किया गणेश के पिता उसके ऑफिस पहुंचते हैं दोनों में इतनी चीजें होती है कि पिता कुछ सपोर्ट नहीं दे पाते तो कहते हैं कि जरूर लोग वापस घर चलो वैसे भी तुम आगे भी हो जाओगे यह बात बहुत गुस्सा आता हैतो फिर गणेश का इंटरव्यू का नाम बुलाया जाता है गणेश जैसे इंटरव्यू रुम में जाता है उससे सभी लोग पूछते हैं क्या आप इस सॉफ्टवेयर के बारे में क्या जानते हैं लेकिन गणेश फिर ब्लैंको जाता है तो कुछ समझ नहीं आता वह बस अपने जैसे उठकर जाना ही बना होता है सामने वाले रूम में 5 में से उसे किट तक जाती है और वहीं रुक जाता है और किसी को देखने के बाद जाने उसको क्या होता है कि अचानक से सब याद आ जाता है इंटरव्यू उसका अच्छा जाता है और जब मालूम पड़ता है कि इंटरव्यू मैं सिलेक्ट हो गया है
अगले दिन गणेश भी office जाता है short-tempered है छोटी-छोटी बातों से गुस्सा आ जाता है गणेश से हमेशा नाराज रहती है क्योंकि उसे ज्यादा सॉफ्टवेयर के बारे में पता नहीं है हर एक चीज बार-बार पूछने पर उससे नाराज होती है एक बार गणेश की वजह से ही सारा ऑफिस का system crash हो जाता है जिसके कारण उसके मैनेजर कीर्ति को डांटते हैं कि Ganesh उसके under काम करता है तो उसकी जिम्मेदारी हुई , डांट पढ़ने से कीर्ति बहुत दुखी होती है और रो रही होती है यह बात गणेश कोबिल्कुल पसंद नहीं आती । Manager ऑफिस में काम करने वालों को घर भेज देते हैं क्योंकि सिस्टम्स crash होने की वजह से कुछ काम नहीं हो सकता.ऐसे ही सब घर पहुंचते हैं गणेश बहुत दुखी होता है शराब पीता है और उसे याद आता है कि उसकी वजह से कीर्ति रोई फिर वह आखिरकार हिम्मत करके वापस ऑफिस जाता है और सोचता है कि वह जो सिस्टम की वजह से हुआ है उसे ठीक करें। गणेश सारी रात भर बैठ कर अलग-अलग किताबें पढ़कर अलग-अलग रिसर्च करके system recover करने की ट्राई करता है पर कुछ नहीं होता आखिर घंटों की मेहनत रंग लाती है और सिस्टम सॉफ्टवेयर ठीक हो जाता है फिर वह वापस जो कॉन्ट्रैक्ट का वर्क पूरा करने का ट्राई करता है और तब तक सुबह हो जाती है सभी colleagues ऑफिसर जाते हैं कीर्ति भी आती है और देखती है सिस्टम पर गणेश बैठा हुआ तो वह बहुत नाराज होती है लेकिन जैसे ही उसके सिस्टम के पास जाती है गणेश उसे प्रोजेक्ट वर्क दीखाता है तो वह शांत हो जाती है सोच में पड़ जाती है कि गणेश ने अकेले ही पूरा सिस्टम ठीक कर दिया आखिरकार पूरा प्रोजेक्ट submit हो जाता है और मैनेजर कीर्ति को शाबाशी देते हैं।
फिर एक बार Australia की बिजनेस ट्रिप के लिए Ganesh,Kirti और Balu को सिलेक्ट किया जाता है इस बिजनेस ट्रिप में गणेश कीर्ति को प्रपोज करता है लेकिन कीर्ति तुरंत ही मना कर देती है यह बोलते हुए कि उसकी शादी पहले से fix हो चुकी है और उसकी फैमिली बहुत ही orthodox है तो वह उसका प्यार accept नहीं कर सकती यह सुनकर गणेश बहुत दुखी होता है। Ganesh भारत वापस आ जाता है और बहुत दुखी रहता है अपने बेटे को इस दुख में उसके पिता नहीं देख पाते और उसे मनाने की कोशिश करते हैं तो उनको मालूम पड़ता है कि वह एक लड़की से प्यार करता है और उस लड़की ने इंकार कर दिया है एक दिन जब गणेश ऑफिस नहीं जाता है तो उसके पिता उसके ऑफिस जाते हैं और kirti को मनाने की कोशिश करते हैं लेकिन कीर्ति नहीं मानती और गणेश का दोस्त उसको फोन करके बोलता है कि उसके पिता ऑफिस आकर कीर्ति से कुछ बात कर रहे हैं गणेश फिर ऑफिस आ जाता है जब गणेश देखता है कि उसके पिता से kirti बहुत चिल्ला कर बात कर रही है तो उसको समझाता है लेकिन वह नहीं मानती और इसी छीना झपटी में कीर्ति उसके पिता को और गणेश दोनों को चांटा मार देती है यह देखता गणेश को बहुत गुस्सा आता है उस पर हाथ उठाने वाला होता है तभी उसके पिता उसे रोक लेते हैं और घर वापस आ जाते हैं दोनों। पिता कहते हैं कि किसी बहुत अच्छी लड़की है लेकिन समझने की कोशिश करो उसकी कुछ परिवार की मजबूरी होगी वह अपने पिता की बात नहीं सुनता और कहता है अब आप सो जाओ दोनों साथ में थोड़ा पीते हैं और फिर उसके पिता सो जाते हैं सुबह जैसे ही होती है गणेश अपने पिता को उठाने की कोशिश करता है तो उसे एहसास होता है कि पिता की तो मौत हो चुकी है उसे कुछ समझ नहीं आता और वह अपने दोस्तों को कॉल करता है दोनों दोस्त फटाफट आ जाते हैं और गणेश को संभालते हैं और फिर उसके पिता का अंतिम संस्कार भी करवाते हैं जैसे ही पिता का अंतिम संस्कार हो जाता है तो उसकी अपने अपने घर चले जाते हैं फिर इंश्योरेंस वाले लोग आते हैं उसका इंश्योरेंस का अमाउंट देते हैं जो उसके पिता गणेश के लिए छोड़ कर गए होते हैं ।
फिर कुछ दिनों की छुट्टियों के लिए वासु अपने घर गांव जाने वाला होता है तब वह सोचता है कि अगर गणेश को यहां अकेला छोड़ दिया तो जाने वह क्या करेगा तो वह सोचता है तो उसे भी अपने ले जाएगा साथ में तो उसे भी तैयारी करके ले जाता है अपने साथ ही पहुंचते हैं दोनों ट्रेन में बैठ चुके होते हैं तो कहता है कि अभी तक उसकी मंगेतर आई नहीं है उसके लिए रुकना पड़ेगा थोड़ा सही कर देखता है तो वहां पर उसको देखता है कि दौड़ी चली आ रही है वहां का गेट लगाने की कोशिश है वासु गेट खोलते हुए कहता है कि वह मेरी मंगेतर है कि यानी Kitu कीर्ति यह देखकर गणेश बहुत चौक जाता है जैसे कीर्ति ट्रेन में चढ़ती है गणेश ट्रेन से कूदने की कोशिश करता है तो उसको रोक लेता है वह जबरदस्ती को ट्रेन में बैठ आता है कि तुम मेरे साथ ही चल रहे हो किसी पोस्ट को क्यों ले जा रहे हो तो मुझको जानती हो तो मना कर देती है पूछती है कि जानते हो ना मैं परिवार में बड़ी टेंशन चल रही है तो कहता है कि मौत हुई है शायद उसी की वजह से उसके पिता की मौत हो गई है बहुत दुखी होती है बहुत रोती है। तीनों गांव पहुंच जाते हैं वहां पर देखते हैं कि और कीर्ति का परिवार बहुत बड़ा है उसके दादाजी हैं वह दोनों से बहुत नाराज हैं क्योंकि वह लोग बिना बताए अपने जॉब के लिए यहां आ गए थे जबकि उन लोगों की आपस में शादी पहले से फिक्स हो चुकी थी वो लोग बहुत मनाते हैं लेकिन उसके दादाजी नहीं मानते लेकिन फिर परिवार वाले थोड़ा बहुत मना कर लोगों को घर में ले आते गणेश को देखकर उसकी एक बुजुर्ग दादी बहुत गुस्सा करती है उसको डंडे से पीटने लगती हैं लेकिन जैसे तैसे उसको मना कर लोग उसे घर में ले जाते हैं ।
इस घर का माहौल गणेश को कुछ अजीब सा लगता है घर में बाथरूम नहीं है और नहाने के लिए नदी तक जाना होता है घर में टॉयलेट भी नहीं है जिसके लिए भी खेतों में जाना होता है यह देखकर गणेश को बहुत अजीब लगता है । सभी घरवाले नदी पर नहाने जाते हैं मौका पाकर नदी के पास गणेश को कीर्ति अकेले देखती है तो कीर्ति गणेश के पास जाती है और उससे माफी मांगती है कि मेरी वजह से तुम्हारे पिता की मौत हुई है लेकिन गणेश्वर समझाती हो कहता है नहीं तुम्हारी वजह से नहीं हुई यह बड़ी किस्मत वालों को ऐसी मौत मिलती है जहां पर शांति से सोए हैं और उनकी मौत हो गई इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं समझाता है तो मेरे पास अकेले मैं समझता हूं नहीं तो सभी लोग गलत समझेंगे इस बात को और मुझे कोई गिला नहीं है तुमसे,। 1 दिन गणेश को बड़ी भूख लगती है वह वासु की मम्मी के पास जाता है बोलता हूं जो बहुत भूख लगी है उसकी मम्मी को बड़ा दुख होता है किसी ने उसे खाने की नहीं पूछा वजह से ही वह गणेश के बारे में जानने की कोशिश करती हैं तो गणेश बताता है कि उसके परिवार में कोई भी नहीं है यह सुनकर कीर्ति को बहुत दुख होता है कि उसकी वजह से गणेश के पिता की मौत हुई है वह बहुत रोती है। फिर वासु की मम्मी कहती हैं कि तुम ऐसा क्यों कर रहे तुम्हारे कोई परिवार में नहीं है तो भी मेरे लिए वासु जैसे ही हो और जब भी छुट्टी आए तुम जरूर यहां पर आना और यह मेरा ऑर्डर है यह सुनकर गणेश की आंखों में आंसू जाया जाते हैं लेकिन उसे मन से बहुत खुशी होती है।थोड़े दिनों में यही चकाचौंध में गणेश अपना दुख भूलकर खुशी से रहने लगता है ।
फिर 1 दिन सारा परिवार मंदिर में कोई भंडारा करने जाता है और सब को भोजन कराते हैं तभी गांव का एक गुंडा उनके घर की बेटी कीर्ति को छेड़ने लगता है उसके दादाजी रोकते हैं लेकिन वह मानता नहीं है फिर गणेश आता है और उनकी बहुत पिटाई करता है गणेश को थोड़ी हाथ में चोट लगती है और सभी घरवाले और कीर्ति सब मलमपट्टी करते हैं तो गणेश koअपनापन लगता है यह देखकर कीर्ति की छोटी बहन है उसका नाम पूजा वैसे तो उसका नाम पूजा है और वह कीर्ति की छोटी बहन को अचानक से प्यार हो जाता है वह उसकी उम्र होगी 17 साल गणेश को बहुत पसंद करने लगती है उसकी बहादुरी पर फिदा हो जाती और यह बात कीर्तिको बोलती है कि मुझे गणेश से प्यार हो गया मैं शादी करना चाहती हूं। यह सुनकर किसी को बहुत गुस्सा आता है अजीब सी जलन होने लगती है। कीर्ति गणेश के पास जाती हैं और गणेश भी कीर्ति के पास ही इसी बारे में बात करने आता है क्योंकि पूजा ने गणेश को प्रपोज कर दिया था दोनों आपस में बात करते हैं कि वह छोटी बच्ची है समझ जाएगी तो सब ठीक हो जाता है धीरे-धीरे कीर्ति को गणेश से प्यार होने लगा है वह उसकी उसे हर एक चीज पसंद आने लगती है
1 दिन सभी लेडीस साड़ियां खरीदने के लिए मार्केट जाने वाली होती है तो घर के जितने भी जेंट्स है उनको पहले से पता होता है कि यह जब भी साड़ी लेने जाते हैं मार्केट तो सारा दिन वहां पर खराब हो जाता है तो उस सब लोग बहाना करके घर से निकल जाते हैं ताकि उनको लेडीस के साथ में ना जाना पड़े मार्केट अब गणेश को कुछ पता नहीं होता है तो कहता है मैं ले चलता हूं अब जब जाता है एक गाड़ी में 20-20 लोग बैठे हुए होते हैं एक के ऊपर बैठे हुए हैं बहुत ज्यादा फनी सीन होता है या फिर मार्केट जाते हैं मार्केट में लेडीज साड़ियां खरीद रहे होती है तो कुछ जेंट्स वहां बैठे हुए होते हैं गणेश पूछता है आप कब आए हैं तो वह कहते हैं मैं 2 दिन से आया हूं लेडीस साड़ी खरीद रही है । गणेश सुनकर शॉक्ड हो जाता है घर से आए हुए बच्चों की सुसु पॉटी साफ करने की जिम्मेदारी भी गणेश की हो जाती है गणेश जबरदस्त थक जाता है। फिर किसी के लिए साड़ी खरीदने की बारी आती है तो सभी कहते हैं कीर्ति पर अलग-अलग रंग बताते हैं तो फिर घड़ी खत्म नहीं हो उस पर हरा कलर अच्छा लगेगा बिल्कुल महालक्ष्मी लगेगी वह हरे कलर में और इत्तेफाक से जब कीर्ति पहन कर आती है तो वह हरे रंग की साड़ी पहन कर आती है और पूछती कैसी लग रही है और इशारो इशारो में बिगड़ी से पूछती है कैसी लग रही हो मैं और इशारों में ही वह कह देता बहुत अच्छी लग रही है सब लोग के घर आने वाले होते हैं बहुत थक जाता है तो गाड़ी में बैठा होता है तो वह कंधे पर रख लेता है बहुत अच्छा लगता है पूजा पूजा गणेश का सर कीर्ति के कंधे से हटाकर खेती सॉरी खुद उसको सपोर्ट देती है। सब लोग घर आ जाते हैं कीर्ति गणेश के लिए दूध लेकर जाती है उसके कमरे मैं,तो वह देखती है कि गणेश उसकी फोटो को देख रहा होता है तभी अचानक से जैसे वह गणेश बोलती है तो वह फोटो उसके हाथ से गिर जाती है फिर किस चीज से कहती है कि मैं तुमसे प्यार करती हूं हो सकता है कि मैं तुमसे तभी से प्यार करती हूं जब से तुम मुझे मिले हो शायद परिवार के कारण मैं तुमसे इजहार ना कर पाई । गणेश उसको इस तरीके से बात करने को मना करता है कि परिवार में किसी ने सुन लिया तो बहुत गलत हो जाएगा किसी ने सुन लिया तो बहुत गलत हो जाएगा तब कीर्ति कहती है कि मैंने क्या किया है तुम ही मेरी फोटो देख रहे थे मैंने तो कुछ भी नहीं किया। धीरे-धीरे कीर्ति को गणेश से प्यार होने लगा है वह उससे दूरी नहीं रह पा रही है।
फिर अगले दिन सुबह सभी लोग बड़े दुखी हो रहे होते हैं क्योंकि जो बुजुर्ग दादी हैं वह अचानक से बेहोश है सभी को लग रहा है कि अब वह नहीं बचेंगे या उनका अंतिम समय आते हैं सब बहुत चिल्ला रहे होते हैं तभी गणेश सबको संभालता है और दादी को अलग-अलग तरीके से उठाने की कोशिश करता है बहुत प्रयास करने के बाद आखिरकार दादी और जाती हैं और सभी गणेश का बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं
अगले दिनपूजा गणेश के साथ थोड़ा समय बिताने के लिए ईमेल चेक करने का बहाना करती है शहर जाने की जिद करती है तबपूजा के पिता गणेश को बोलते हैं पूजा को शहर ले जाओ उसको थोड़ा सा इंटरनेट पर काम है यह जैसे ही कीर्ति को पता चलता है उसको बहुत जलन होती है कुछ भी बहाने से बीच में आ जाती है कि मुझे भी में चेक करना मैं भी जाऊंगी अब वह तीनों जा रहे होते हैं तभी जानबूझकर पूजा से टकराने की कोशिश करती है यह चीज को बिल्कुल अच्छी नहीं लगती और एकदम से वह ब्रेक लगाकर गाड़ी रोक देती है और गाड़ी से उतर कर कहती है गणेश अभी तुम जाओ और पूजा से सख्त मना करोगे यह प्यार व्यार ठीक नहीं है जैसे बोलता है कि मैं तुमसे प्यार नहीं करता हूं तो पूजा गुस्से में आकर नदी में छलांग मार देती गणेश उस को बचाता है बेहोश हो जाती है उसको किसी तरह होश में लाता है यह गलत है उसको एक चांटा मार देता है फिर समझाता हैकि तुम्हारी उम्र में मेरी उम्र में बहुत अंतर है तुम अभी बच्ची हो सिर्फ 17 साल की हो तुम्हें वह बहुत अच्छा लड़का मिल सकता है लेकिन वह नहीं मानती फिर आखिरकार वह बोलता है कि देश है कि बताओ कीर्ति पूजा तुमसे भी ज्यादा सुंदर है ना उसको कोई भी अच्छा लड़का मिल सकता है ना यह सुनकर कीर्ति को बहुत गुस्सा आता है लेकिन हां में हां मिला कर कह देती है और यह सुनकर फिर पूजा कहती अच्छा मुझे कोई भी अच्छा लड़का मिल जाएगा तुम जैसा मिल जाएगा तो गणेश कथा मिल जाएगा तब जाकर वो कहती ठीक है मैं तुमको भूल जाऊंगी तो गाड़ी में वापस जाते समय कीर्ति और गणेश आगे बैठते हैं पूजा पीछे बैठी होती है तो कीर्ति ड्राइविंग करते हुए कहती है कि क्या सचमुच पूजा मुझसे ज्यादा सुंदर है तो गणेश कोई जवाब नहीं देता है तो कीर्ति गणेश के हाथ पर हाथ रखते कहती है कि प्लीज मुझे हाथ रखती है कहती है मुझे थोड़ा बैटर फील होगा जैसे ही वो लोग घर आते हैं तो पता चलता है कि वासु और कीर्ति की शादी के लिए मेहमान आना शुरू हो गए हैं कीर्ति और गणेश के ऑफिस के फ्रेंड आए हुए हैं और वह अचानक से अचंभित रह जाते है और कहते हैं कि गणेश यहां क्या कर रहा है गणेश बात को संभालते हुए ऐसा pretend करता है जैसे वह कीर्ति को जानता ही नहीं और यह सब फ्रेंड जो आए हुए है वह कीर्ति के फ्रेंड्स हैं के और मैं वह खुद सिर्फ वासु का फ्रेंड है।
शादी की तैयारियां जोरों शोरों पर है। कीर्ति को आखिरकार लगता है कि वह गणेश से ही प्यार करती है और और वासु से शादी नहीं कर सकती गणेश अपने ऑफिस के दोस्तों के साथ घर से बाहर बैठा हुआ होता है तभी रात को किडनी गणेश से मिलने जाती है अकेले में और उससे कहती है कि मैं तुमसे प्यार करती हूं तुमसे ही शादी करना चाहती हूं यह सुनकर गणेश उसको मना करता है कि नहीं मेरा कोई परिवार नहीं है लेकिन इस परिवार ने मुझे बहुत प्यार से रखा है मैं उनका दिल नहीं तोड़ सकता इसलिए तुम मुझे भूल जाओ और वासु से ही शादी करो। कीर्ति रोते हुए घर चली जाती है लेकिन यह सब बातें कीर्ति के दादाजी सुन लेते हैं जैसे कीर्ति घर पहुंचती है उसके दादाजी बहुत नाराज होते हो यह बात सबको बता देते हैं वह कीर्ति की शुद्धता ही करते हैं उसको घरवाले वही पानी डालकर शुद्ध करते हैं नए कपड़े पहन आत हैं उसके सारे पुराने कपड़ों को आग लगा देते हैं घर की शुद्धता करते हैं।
घर वालों को यह सब पता चलता है तुम गणेश्वर से जाने के लिए कहते हैं गणेश घर छोड़कर जा रहा होता है तभी जन्म गुंडों से परिवार को बचाया था वही गुंडे गणेश ब्राह्मण कर देते हैं और से पेट में चाकू मार देते हैं गणेश का दोस्त सीनू से अस्पताल पहुंचाता है और घर आता है जहां पर कीर्ति और वासु की शादी हो रही होती है तो आंसू से कहता है कि गणेश को तुम्हारी जरूरत है चलो शुरू में तो बस नहीं आता लेकिन आखिरकार अपनी दोस्ती सोच कर गणेश की मदद करने हॉस्पिटल आ जाता है धीरे-धीरे करके सारा परिवार आ जाता है सिर्फ कीर्ति और उसके दादाजी को छोड़कर कहती है मैं आपकी आज्ञा का पालन करूंगा मैं यहां से नहीं जाऊंगी आखिरकार दादाजी कीर्ति को लेकर हॉस्पिटल पहुंचते हैं जहां पर गणेश आईसीयू से बाहर निकलता है तो देखता है घर वाले सारे यहां पर हॉस्पिटल में है और सामने दादाजी कीर्ति को लेकर बैठे हैं फिर क्या है दादा जी कीर्ति को गणेश के हवाले कर देते हैं दोनों की शादी हो जाती है उसे हम देखते हैं कि दीदी के सारा परिवार कुछ दिन के लिए गणेश के घर आता है उसे खुश रहने लगते है।
HAPPY ENDING
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